जल्दबाजी में लोकायुक्त ने दर्ज किया प्रकरण नीमच राम जी मंदिर भूमि हड़पने जैसा कोई मामला ही नहीं 1995 के एसडीएम के आदेश में रास्ता मौजूद मोरम डालकर रास्ते को सुधार किया गया तहसीलदार ने नहीं दिलाया किसी को कब्जा नहीं दिया
तहसीलदार मनोहर वर्मा का कहना किसी व्यक्ति को नहीं दिया व्यक्तिगत लाभ जिस भूमि का मामला वह आज भी रिक्त पड़ी हुई है
उज्जैन लोकायुक्त पुलिस ने शासकीय राम जी मंदिर नीमच मऊ रोड पर स्थित है नीमच में जिसको लेकर तत्कालीन तहसीलदार मनोहर वर्मा व नीमच निवासी डॉक्टर रमेश दक के विरोध लोकायुक्त ने प्रकरण दर्ज किया है जब कि वास्तविकता में अगर मामले के दस्तावेज देखे जाए तो 1995 में निकले एसडीएम नीमच के आदेश में स्पष्ट रूप से रास्ता पहले से ही दर्शाया गया है जिस रास्ते पर कब्जे की बात कही जा रही है व वर्षों पुराना रास्ता है और पुराने रास्ते में सुधार करने के लिए वहां पर मिट्टी और मोरम डाली गई है इसके अलावा वहां पर तहसीलदार द्वारा किसी को भूमिका कब्जा नहीं दिया गया मंदिर की जमीन क्योंकि तहसीलदार एक कार्यपालक मजिस्ट्रेट है



मनोहर वर्मा तहसीलदार का साफ तौर पर कहना है कि मेरे द्वारा राजस्व न्यायालय के नियमों का पूरी तरीके से पालन किया गया है और गलत तरीके से मामले को घूम कर मेरी छवि धूमल करने की कोशिश की जा रही है मेरे द्वारा किसी व्यक्ति को व्यक्तिगत लाभ नहीं दिया गया प्रश्नगत भूमि आज भी मौके पर रिक्त पड़ी है वहां पर किसी भी किसी व्यक्ति का कोई कब्जा नहीं है अन्य कृषको द्वारा वहां से आने-जाना करते हैं
