बड़नगर विकासखंड की सुवासा प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था में किसानों के साथ बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता और धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। संस्था के कर्मचारी कुबेर चौधरी और रवि पाटीदार पर 530 से अधिक किसानों से लाखों रुपये की अवैध वसूली और गबन के गंभीर आरोप लगे हैं। ग्रामीणों ने दोनों के विरुद्ध आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) में शिकायत दर्ज कराई है, जिस पर अब विस्तृत जांच प्रारंभ हो गई है।
फर्जी रसीदें, बिना खाता जमा:
शिकायत में कहा गया है कि आरोपित कर्मचारियों ने किसानों से ऋण जमा या अन्य देयकों के नाम पर नकद राशि ली, लेकिन वह राशि संस्था या संबंधित खातों में जमा नहीं की गई। इसके बदले किसानों को फर्जी रसीदें थमा दी गईं। कई किसानों को यह तब पता चला जब उन्हें संस्था से बकाया का नोटिस मिला, जबकि वे पहले ही राशि जमा कर चुके थे।
पूर्व प्रशासक ने हटाया, फिर भी कर रहे थे कार्य:
गौरतलब है कि उक्त दोनों कर्मचारियों को छह माह पूर्व तत्कालीन प्रशासक आशीष शर्मा द्वारा बर्खास्त कर दिया गया था। बावजूद इसके, बिना किसी बहाली आदेश के उन्होंने सहकारी संस्था का ताला खोलकर कार्यालय संचालन शुरू कर दिया और पुनः कार्यरत हो गए। ग्रामीणों का कहना है कि इनका स्थानीय स्तर पर प्रभाव इतना है कि कार्रवाई से बचते आ रहे थे।
वर्तमान प्रशासक भी गंभीर:
वर्तमान प्रशासक महेश शर्मा ने भी अनियमितताओं की पुष्टि की है और कहा है कि दोनों के विरुद्ध विभागीय व कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही अब इनकी चल-अचल संपत्तियों की जांच भी की जाएगी, ताकि गबन की राशि की वसूली की जा सके।
EOW करेगी संपत्ति की जांच:
ग्रामीणों की शिकायत के बाद आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने भी प्रारंभिक स्तर पर जांच शुरू कर दी है। संपत्ति का ब्यौरा जुटाया जा रहा है। संबंधित दस्तावेजों की वैधानिकता की पुष्टि के लिए रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है।
