सबसे बड़ी सोलर योजना से 11 लाख घर हुए रोशन, अदाणी का 54% योगदान
देश में सोलर एनर्जी को घर-घर पहुंचाने के उद्देश्य से शुरू की गई प्रधानमंत्री सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना ने अपने पहले ही वित्तीय वर्ष में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। करीब 11 लाख से ज्यादा घरों में रूफटॉप सोलर सिस्टम स्थापित कर देश को 3.30 गीगावॉट अतिरिक्त सोलर कैपेसिटी मिली है। इस योजना के तहत सरकार ने 6 लाख 98 हजार लाभार्थियों को ₹5437.20 करोड़ की सब्सिडी दी है।
इस अभियान में निजी क्षेत्र की कंपनियों ने भी अहम भूमिका निभाई है, जिनमें अहम भूमिका अदाणी सोलर की है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2024-25 में 1.78 गीगावॉट डीसीआर सोलर मॉड्यूल की आपूर्ति कर 5 लाख 94 हजार से ज्यादा घरों को सौर ऊर्जा से जोड़ा है। यह पूरी योजना कुल आपूर्ति का 54% है, जो देश में किसी एक कंपनी द्वारा अब तक का सबसे बड़ा योगदान है।
35 एक्सक्लूसिव चैनल पार्टनर्स के जरिए अदाणी सोलर ने देश के हर कोने तक सौर उर्जा का नेतृत्व कर रहा है। कंपनी गुजरात के मांडरा में मॉड्यूल से लेकर इनगट, वेफर, सेल, सोलर ग्लास और ईवीए बैकशीट तक का स्वदेशी निर्माण करती है, जिससे ‘मेक इन इंडिया’ को भी मजबूती मिल रही है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, गुजरात में 4 लाख से ज्यादा और महाराष्ट्र में 2 लाख से अधिक घरों में सोलर पैनल लगे हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, केरल और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में भी तेजी से योजना को अपनाया जा रहा है। इस योजना के तहत 1 किलोवॉट पर ₹30 हजार, 2 किलोवॉट पर ₹60 हजार और 3 किलोवॉट या उससे अधिक क्षमता पर ₹78 हजार तक की सब्सिडी दी जा रही है। साथ ही ₹2 लाख तक के बिना गारंटी लोन पर 6.75% की रियायती ब्याज दर, 15 दिन में सब्सिडी ट्रांसफर और ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आवेदन की सुविधा ने इसे आम जनता के लिए बेहद आसान और लाभकारी बना दिया है।
2030 तक 500 गीगावॉट गैर-फॉसिल ईंधन ऊर्जा का लक्ष्य
भारत ने अब तक 103 गीगावॉट सौर ऊर्जा क्षमता हासिल कर ली है और 2030 तक 500 गीगावॉट नॉन-फॉसिल फ्यूल कैपेसिटी का लक्ष्य तय किया है। साल 2025 में देश में कुल 25 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ी गई, जिसमें 21 गीगावॉट अकेले सौर ऊर्जा से जुड़ी है – यह पिछले साल के मुकाबले 25% अधिक है।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने साल 2026 में 30 लाख घरों को रूफटॉप सोलर से जोड़ने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए अनुमानित 9 गीगावॉट सोलर मॉड्यूल की आवश्यकता होगी। अदाणी, वारी, प्रीमियर, विक्रम सोलर और टाटा जैसी कंपनियों के लिए यह एक बड़ा अवसर है। इस योजना से जुड़े हर एक सोलर इंस्टॉलेशन से जितना कार्बन उत्सर्जन कम होता है, वह 100 पेड़ लगाने के बराबर होता है। यानी यह योजना सिर्फ बिजली की बचत ही नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी बड़ी भूमिका निभा रही है।
