सोनी टीवी के आगामी शो ‘आमी डाकिनी’ में अपने किरदार पर हितेश भारद्वाज ने की बात
मुंबई, जून 2025: सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न का बहुप्रतीक्षित शो ‘आमी डाकिनी’ एक रहस्यमयी और रोमांचक कहानी के साथ दर्शकों को बाँधे रखने के लिए तैयार है। कोलकाता की खूबसूरत पृष्ठभूमि में रचा गया यह शो, चैनल के प्रतिष्ठित हॉरर शो ‘आहट’ के बाद एक बार फिर रोमांचक कहानी कहने की दिशा में वापसी कर रहा है। शो में हितेश भारद्वाज आयान की भूमिका निभा रहे हैं। आइए जानते हैं उन्होंने अपने अनुभवों को कैसे साझा किया—
शो में काम करने का अनुभव कैसा रहा?
यह रचनात्मक रूप से बेहद संतोषजनक रहा है। इसकी लेखनी, दृश्य संयोजन और भावनात्मक परतें इसे बहुत गहराई देती हैं। पूरी प्रक्रिया—लंबी नाइट शूट्स से लेकर टेक्स के बीच के शांत पलों तक—हर चीज का मैंने आनंद लिया है।
अपने सह-कलाकारों के साथ काम करना कैसा रहा?
मैं खुद को बहुत सौभाग्यशाली मानता हूं। राची और शीन न सिर्फ प्रतिभाशाली हैं, बल्कि जमीन से जुड़ी हुई भी हैं। हमारे बीच सेट पर बहुत सहजता है, जो भावनात्मक रूप से तीव्र दृश्यों में काफी मदद करती है। हम एक-दूसरे को सुनते हैं, और यही सबसे बड़ा फर्क लाता है।
यह आपके लिए एक नया जोनर रहा है। आपका अनुभव कैसा रहा?
यह अनुभव बहुत अलग और रोमांचक था। यह शो सिर्फ कहानी नहीं, बल्कि मूड, खामोशी और भावनात्मक गति के बारे में है। यह आपको हर चीज को अंदर समेटने और नियंत्रित रूप से पेश करने के लिए मजबूर करता है। ऐसा प्रदर्शन पैक-अप के बाद भी आपके भीतर बना रहता है।
आप ‘आहट’ जैसे शो के मेकर्स के साथ काम कर रहे हैं। इसका आपके लिए क्या मतलब है?
ईमानदारी से कहूं तो यह बहुत आइकॉनिक अनुभव है। मैं ‘आहट’ देखकर बड़ा हुआ हूं—उसमें एक रहस्यमय जादू था। अब उसी दुनिया का हिस्सा बनना एक चक्र पूरा होने जैसा लगता है। यह सिर्फ अभिनय नहीं, बल्कि एक ऐसी विरासत में योगदान देने जैसा है जिसे लोग आज भी याद करते हैं।
आयान रायचौधरी के किरदार के लिए आपने क्या तैयारी की?
आयान बहुत अंतर्मुखी किरदार है। वह ज्यादा व्यक्त नहीं करता, लेकिन हर चीज को गहराई से महसूस करता है। मैंने उसकी भावनात्मक स्मृति को विकसित किया—उसके बचपन की एक बैकस्टोरी बनाई, उसकी चुप्पियों को समझा और यहां तक कि उसकी जगह खुद जर्नलिंग भी की। मैंने यह भी देखा कि वह दर्द, यादों या धूल जैसी चीज़ों पर कैसे प्रतिक्रिया करता है।
सेट पर कोई मज़ेदार पल?
एक सीन था जिसमें मुझे डरा हुआ दिखना था… और ठीक एक्शन से पहले राची ने एक अजीब सा चेहरा बना दिया। मुझे हंसी रोकना मुश्किल हो गया था, जबकि सीन गंभीर था। हम स्क्रीन पर जितने गंभीर होते हैं, पर्दे के पीछे उतने ही मस्तीखोर।
राची (मीरा) के साथ ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री कैसे बनी?
राची एक सहज अभिनेत्री हैं, जिससे काम आसान हो गया। हमने ज्यादा रिहर्सल नहीं की—बल्कि अपने किरदारों के भावनात्मक बोझ के बारे में बातें कीं और उन्हें मार्गदर्शक बनाया। हम अक्सर सीन से पहले चुपचाप बैठ जाते थे—अजीब होकर नहीं, बल्कि भावनाओं को भीतर समाने देने के लिए। इससे हमारे ऑन-स्क्रीन संबंध को असली एहसास मिला।
क्या किरदार के लिए कोई खास स्किल या लुक ट्रांसफॉर्मेशन किया गया?
शारीरिक बदलाव से ज़्यादा यह आयान की भावनात्मक ऊर्जा को पकड़ने का सवाल था। वह 28 साल का है, तेज-तर्रार है, लेकिन भीतर से अपूर्ण दुःख से भरा हुआ। मुझे उसमें वह युवा तीव्रता लानी थी, बिना उसे भावुक या लापरवाह दिखाए। वह शांत है, सोच-समझकर चलता है, लेकिन उसके भीतर आग है। मैंने उसकी चाल, बोलने की गति और सुनने के तरीके तक पर काम किया—क्योंकि कई बार उसके मौन में ही पूरी बात होती है।
अब तक की शूटिंग का कोई यादगार पल?
मीरा (राची) के साथ एक सीन था जहां हमें एक-दूसरे पर गुस्सा होना था। भावनाएं इतनी रॉ और असली थीं कि हम दोनों उस पल में पूरी तरह डूब गए। सीन खत्म हुआ तो सेट पर सन्नाटा था… फिर पूरी टीम ने तालियां बजाईं। वो पल खास था—जैसे कुछ सचमुच असली घटा हो। एक और सीन, शीन के साथ था—मैंने उन्हें कहा, “प्लीज़ मेरे क्लोज-अप में मुझे मत देखो, मैं डर रहा हूं।” क्योंकि उनका परफॉर्मेंस इतना इंटेंस और पावरफुल था कि मैं सच में हिल गया था। ऐसे पल लंबे समय तक आपके साथ रहते हैं।
‘आमी डाकिनी’ देखना न भूलिए—23 जून से, हर सोमवार से शुक्रवार, रात 8 बजे, सिर्फ सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न और सोनी लिव पर
