बड़नगर तहसील के एसडीएम कार्यालय से जुड़ा एक बड़ा मामला सामने आ रहा है, जिसमें भ्रष्टाचार, दलाली और अवैध खनन को लेकर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। स्थानीय नागरिकों और सूत्रों के अनुसार, एसडीएम धीरेंद्र पाराशर के कार्यकाल में प्रशासनिक मशीनरी भ्रष्टाचार के दलदल में फंसी हुई है।
खुलेआम चल रहा अवैध खनन, प्रशासन मौन
तहसील क्षेत्र में अवैध खनन धड़ल्ले से चल रहा है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या एसडीएम कार्यालय किसी राजनीतिक या निजी दबाव में आंखें मूंदे बैठा है?
शासकीय जमीन को निजी बनाने का प्रयास
विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, तहसील की एक शासकीय भूमि से जुड़ी फाइल को स्वयं एसडीएम कार्यालय से हटाकर निजी स्वामित्व में परिवर्तित करने की कोशिश की जा रही है। इस प्रयास को लेकर जनप्रतिनिधियों और आम जनता में आक्रोश है।
फाइलों में घूस की चर्चा, नाम आएंगे सामने
खबर यह भी है कि सनावदा गांव से जुड़ी एक जमीन की फाइल में मोटी रकम का लेन-देन हुआ है। दावा किया जा रहा है कि यह लेनदेन एसडीएम के इशारे पर किसी दलाल के माध्यम से हुआ। जल्द ही मीडिया के माध्यम से नाम और प्रमाण सार्वजनिक किए जाएंगे।
नियमों के खिलाफ कोटवार की नियुक्ति
तहसील के बलेडी गांव के कोटवार की पोस्टिंग सीधे एसडीएम कार्यालय में कर दी गई है, जो नियमों के विरुद्ध है। इस पर भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह किसी दबाव या स्वार्थ के तहत किया गया है?
पीड़ित करेंगे शिकायत, कलेक्टर से होगी कार्यवाही की मांग
सूत्रों के अनुसार, इस पूरे मामले में दो अलग-अलग प्रकरणों में जिन लोगों से पैसे लिए गए हैं, वे उज्जैन ज़िला कलेक्टर से मिलकर लिखित शिकायत करेंगे और एसडीएम पर कार्यवाही की मांग करेंगे। पीड़ित अब सामने आ रहे हैं और मामला धीरे-धीरे गरमाने लगा है।
