अर्पित नागर -बड़नगर नगर पालिका की फायर ब्रिगेड वाहन ने गुरुवार को नयापुरा बाईपास क्षेत्र में 6 राहगीरो को को रौंद दिया। इस दिल दहला देने वाले हादसे में तीन मासूमों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां दो की हालत नाजुक बनी हुई है वही नगर पालिका मुख्य अधिकारी मंसाराम निगवाल घटना का पता लगने के बाद भी ना मोके पर पहुचे ना हॉस्पिटल ऑफिस में ही आराम फरमाते रहे नगर वासी भी इसको लेकर काफी नाराजगी व्यक्त कर रहे
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, फायर ब्रिगेड का वाहन अत्यधिक तेज गति से आ रहा था और चालक नशे की हालत में था। वाहन अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खड़े लोगों पर चढ़ गया। स्थानीय नागरिकों द्वारा तत्काल पुलिस को सूचना दी गई, जिसके बाद चालक को हिरासत में ले लिया गया।
प्रशासनिक जिम्मेदारी पर सवाल
CMO मंसाराम की लापरवाही से गई तीन मासूमों की जान — अब कौन देगा जवाब?
घटना के बाद प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंचे, किंतु मुख्य नगर पालिका अधिकारी मंसाराम न तो घटनास्थल पर पहुंचे और न ही अस्पताल में पीड़ितों से मिलने आए। इससे आम नागरिकों और जनप्रतिनिधियों के बीच रोष व्याप्त है।
लोगों का कहना है कि यदि फायर ब्रिगेड कर्मचारी नशे में था, तो उसके विरुद्ध पहले ही कार्रवाई क्यों नहीं की गई? सवाल यह भी उठ रहा है कि नगर पालिका प्रशासन द्वारा ऐसे कर्मचारियों की नियमित जांच क्यों नहीं की जाती?
एसडीएम का बयान
एसडीएम ने मीडिया से चर्चा में बताया कि, “प्रारंभिक तौर पर वाहन चालक को हिरासत में लिया गया है और उस पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा रही है। साथ ही नगर पालिका अध्यक्ष से चर्चा कर मुख्य नगर पालिका अधिकारी के विरुद्ध भी उचित निर्णय लिया जाएगा।” नगर पालिका अध्यक्ष का कहना मनावता के नाते नगर पालिका cmo को हॉस्पिटल आना चाहिए था
जन आक्रोश बढ़ा
घटना के बाद से ही बड़नगर में नागरिकों में आक्रोश है। मृतकों के परिजनों ने प्रशासन के प्रति नाराज़गी जताई है और मुख्य नगर पालिका अधिकारी को निलंबित करने की मांग की है। उनका कहना है कि जिम्मेदारी केवल ड्राइवर की नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की है।
