Explore

Search

April 14, 2025 9:52 pm

IAS Coaching
लेटेस्ट न्यूज़

होली और रंग पंचमी के त्योहारों के मद्देनजर शांति व्यवस्था बनाए रखने को लेकर बड़नगर थाने पर बैठक आयोजित थाना प्रभारी एसडीओपी और एसडीएम ने ली बैठक त्योहारों पर शासन के निर्देशों का पालन करें आमजन अन्यथा होगी कड़ी कार्रवाई

बड़नगर सेंट अगस्टीन स्कूल मामले में नया मोड़ गणतंत्र दिवस तिरंगा नहीं फहराने के मामले में बीइओ के बयान पर युवाओ ने फिर बड़े आंदोलन की दी चेतावनी, 151 में दो दिन जेल भेज कर प्रशासन ने मामले से पल्ला झाड़ लिया था

जश्न-ए-अदब साहित्य उत्सव का भव्य समापन

जश्न-ए-अदब साहित्य उत्सव का भव्य समापन

दिल्ली में आयोजित जश्न-ए-अदब साहित्य उत्सव के चौदहवें संस्करण का शानदार समापन सोमवार को हुआ। इस तीन दिवसीय आयोजन ने कला प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जहां साहित्य, संगीत, नृत्य और नाटक के विविध रंग देखने को मिले। हर साल होने वाले इस साहित्यिक महोत्सव का 14वां संस्करण इस बार 22 से 24 फरवरी तक इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर द आर्ट्स में किया गया

तीन दिवसीय आयोजन की अंतिम दिन की शुरुआत सिद्धांत भाटिया के कलेक्टिव बैंड की ऊर्जावान प्रस्तुति से हुई। इसके बाद, राज कपूर के शताब्दी वर्ष के अवसर पर एक विशेष चर्चा आयोजित की गई। “आवारा हूँ” सत्र में निरुपमा कोटरू, पवन झा और अजय चौधरी ने डॉ. अमना मिर्ज़ा के साथ राज कपूर के जीवन से जुड़े रोचक किस्से साझा किए। समवेत सभागार में थिएटर लिजेंड अरविंद गौड़ द्वारा प्रस्तुत नाटक “अँधा युग” ने दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी। वहीं, “सुर साधना” कार्यक्रम में पद्मभूषण पंडित साजन मिश्रा की मंत्रमुग्ध कर देने वाली गायन प्रस्तुति ने समां बांध दिया। “चन्दन किवाड़- एक सुरीला सफ़र” कार्यक्रम में पद्मश्री मालिनी अवस्थी के लोकगीतों कि प्रतुती दी, जिसने सभी को अपनी जड़ों से जोड़ा। कार्यक्रम का समापन पद्मश्री यश गुलाटी के भावपूर्ण सैक्सोफोन वादन से हुआ, जिसने पूरे आयोजन को अविस्मरणीय बना दिया। तीन दिन तक चले इस भव्य साहित्य और कला उत्सव ने न केवल दर्शकों को एक अद्भुत सांस्कृतिक अनुभव दिया, बल्कि साहित्य, संगीत और रंगमंच की समृद्ध परंपरा को भी सजीव किया।

इस प्रकार, जश्न-ए-अदब साहित्य उत्सव  का यह आयोजन साहित्य, संगीत और संस्कृति के रंगों से सजी एक अद्भुत यात्रा बन गया, जिसकी जीवंत यादें दिल्ली के दिल में लंबे समय तक बसी रहेंगी।

इस भव्य जश्न पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए, जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवां विरासत के संस्थापक, कुँवर रंजीत चौहान ने कहा, “जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवां विरासत सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और जन-जन तक पहुँचाने का एक माध्यम है। हमें खुशी है कि दिल्ली में इस समारोह ने खुद को जश्न-ए-अदब के सबसे सफलतम कार्यक्रमों में से एक के रूप में स्थापित किया, जिसमें पूरे देश के साहित्य तथा संस्कृति प्रेमियों की उपस्थिति दर्ज की गई। यह आयोजन सिर्फ एक महोत्सव ही नहीं, बल्कि भारतीय साहित्य और संस्कृति की समृद्ध धरोहर का जश्न मनाने का भी एक अनूठा प्रयास रहा। देश के प्रतिष्ठित कलाकारों और साहित्यकारों की उपस्थिति और एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों ने इस वर्ष के आयोजन को अब तक का सबसे विशेष कार्यक्रम बना दिया।”

Mp Bulletin
Author: Mp Bulletin

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर
Infoverse Academy